cooking oil price reduced by upto 13 percent in international market

जैसे जैसे गर्मी बढ़ती जा रही हैं देश में खाद्य तेलों के खपत में कमी होती जा रही हैं। आपको बता के की पिछले महीने घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में 9 फीसदी तक की कमी देखने को मिली है। यह सिर्फ घरेलू बाजार में खाद्य तेल की खपत में कमी के कारण नहीं हुई हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह अंतराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों की सप्लाई का बढ़ना हैं। जैसा की आप जानते हैं की रूस -उक्रैन युद्ध के कारण खाद्य तेलों की कीमते आसमान छूने लगी थी। लेकिन पिछले कुछ दिनों अंतराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों की सप्लाई बढ़ी हैं जिसके कारण इसकी कीमतों में 2-13 फीसदी की कमी देखने को मिली हैं।

इंडोनेशिया तथा रूस से सप्लाई बहाल होना भी बड़ा कारण

आपको बता दे की पिछले महीने में अंतराष्ट्रीय बाजार में सरसो तेल , सन फ्लावर आयल ,कोकोनट आयल और पाम कर्नेल आयल के भाव 2 से 13 फीसदी तक घटे हैं। सूत्रों के अनुसार पालम आयल के दामो में हल्की सी तेजी देखने को मिली लेकिन सोया तेल के भाव में स्थरिता रही हैं। Solvent Extractors Association के प्रमुख अतुल चतुर्वेदी बताते हैं की इंडोनेशिया से पाम आयल की सप्लाई शुरू होने , खपत में कमी तथा ब्याज दरों में तेजी के कारण तेल बाजार के रुझान पलट गए हैं। इसके साथ ही रूस से भी सन फ्लावर आयल की आपूर्ति बहाल हो गयी हैं और आने वाले कुछ दिनों में उक्रैन से भी इसका निर्यात शुरू होने की संभावना जताई गयी हैं।

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किसान भी निकल रहे है तिलहन का स्टॉक

खाद्य तेल की तेज कीमतों को देखते हुए किसानो ने तिलहन का बड़े पैमाने पर स्टॉक कर रखा था। लेकिन हाल ही में ताल के भावो में कमजोरी को देखते हुए किसान भी अपन स्टॉक निकाल रहे हैं जिसके कारण घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में कमी आ रही हैं। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर DN Pathak के अनुसार आने वाले समय में तेल बाजार के ठण्डा रहने की सम्भावना हैं।

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