
Why Indian Government Put Ban on Single Use Plastic
सरकार ने जुलाई 2022 से सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर बन लगाने का फैसला किया हैं। सिंगल यूज़ प्लास्टिक से हमारे वातावरण को बहुत ही नुकसान होता हैं। इस प्लास्टिक को दोबारा Recycle नहीं किया जा सकता हैं। इसी कारण यह प्लास्टिक जल, तथा भूमि को बहुत ही ज्यादा प्रदूषित करती करती हैं। यही कारण हैं की सरकार इस प्लास्टिक पर बैन लगा रही हैं।
पारले , फ्रूटी, कोका कोला जैसी बड़ी कंपनिया कर रही हैं विरोध
सरकार के इस फैसले का विरोध पारले , कोका कोला , डाबर जैसी बड़ी कंपनिया कर रही हैं। ऐसा इसीलिए क्योंकि कंपनीज के कुछ प्रोडक्ट्स के साथ लाखो की संख्या में स्ट्रॉ का इस्तेमाल होता हैं। यह स्ट्रॉ सिंगल यूज़ प्लास्टिक से ही बना होता हैं। फ्रूटी टेट्रा के साथ रोजाना 10 लाख से ज्यादा स्ट्रॉ यूज़ हो जाती हैं। यही कारण हैं ये कंपनिया सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही हैं। इन कंपनियों के विरोध के मुख्या रूप से तीन कारण हैं
कंपनीज के अनुसार प्लास्टिक स्ट्रॉ की जगह पेपर स्ट्रॉ बनाने में तीन बड़ी समस्या हैं।
- कंपनीज का कहना हैं की पेपर स्ट्रॉ की कीमत प्लास्टिक स्ट्रॉ के मुकाबले 7 गुना तक ज्यादा हैं।
- पेपर स्ट्रॉ के मैनुफेक्चरर अभी बहुत ही कम हैं , इसीलिए पेपर स्ट्रॉ आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं।
- पेपर स्ट्रॉ बनाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए कम्पनीज ने कुछ समय दिए जाने की मांग की हैं।
क्या होती हैं सिंगल यूज़ प्लास्टिक What is single use plastic
जैसे की इसके नाम से ही पता चल रहा हैं की इसे हम एक ही बार यूज़ कर सकते हैं और इसे दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता और इस्तेमाल होने पर इनसे बने प्रोडक्ट्स को फेंक दिया जाता हैं । सिंगल यूज़ प्लास्टिक को आसानी से डिस्पोज नहीं किया जा सकता और ना ही इसे रीसायकल किया जा सकता हैं। सिंगल यूज़ प्लास्टिक हमारे पर्यावरण को प्रदूषित करने में अहम भूमिका निभाती हैं।
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